AI-generated pics of Lord Ram 2023 | 21 साल की उम्र में कैसे दिखते थे भगवान राम?

AI-generated pics of Lord Ram 2023 | 21 साल की उम्र में कैसे दिखते थे भगवान राम?

AI-generated pics of Lord Ram 2023

AI-generated pics of Lord Ram 2023 : Artificial Intelligence ने कला और रचनात्मक दुनिया में तहलका मचा दिया है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक फोटो बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की है, जिसे Artificial Intelligence की मदद से बनाया गया है।

पुराने ग्रंथों तथा श्रीरामचरितमानस में हुए श्री राम के स्वरूप के विवरणों के आधार पर AI से यह तस्वीर बनायीं गयी है, जिसे लोग बहुत ही पसंद कर रहे हैं। एक यूजर ने कहा है कि – “धरती ग्रह पर आज तक भगवान श्री राम जितना हैंडसम कोई पैदा नहीं हुआ है।” कहा जा रहा है कि AI-generated श्रीराम की यह तस्वीर तब की है, जब वे 21 साल के थे।

AI-generated pics of Lord Ram 2023 :

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AI-generated pics of Lord Ram 2023 :

AI-generated pics of Lord Ram 2023 : भगवान् विष्णु के 7वें अवतार के रूप में प्रभु श्रीराम का जन्म आज से करीब 5114 ईसापूर्व चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में हुआ था। प्रभु के जन्मोत्सव का सौन्दर्यतापूर्ण वर्णन करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं –

जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल।
चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥

अर्थात योग, लग्न, ग्रह, वार और तिथि सब अनुकूल हो गए, जड़, चेतन सब हर्ष से भर गए। क्योंकि मेरे प्रभु श्रीराम का जन्म सुखों का मूल है।

नौमी तिथि मधु मास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता॥
मध्यदिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक बिश्रामा॥

अर्थात पवित्र चैत्र मास की नवमी तिथि थी, शुक्ल पक्ष और श्रीहरि का प्रिय अभिजीत मुहूर्त था। दोपहर का समय था, न अधिक सर्दी थी, न अधिक धूप थी। यह पवित्र समय सभी लोकों को शांति देने वाला था।

जब हमारे प्रभु का जन्म हुआ तो सारा लोक जगमग हो उठा, वन उपवन खिल उठे थे, पहाड़ों के समूह मणियों की भाँति सुशोभित हो रहे थे, नदियाँ अमृत की धाराएँ बहा रही थीं, आकाश देवी देवताओं के समूहों से भर उठा था, ढ़ोल – नगाड़ों की आवाज़ सभी को और भी उत्साहित किये जा रही थी, आकाश से पुष्पवर्षा होने लगी, देवी – देवतागण स्तुति गा रहे थे और ऐसे में हमारे प्रभु श्री राम ने जन्म लिया था। अत्यंत ही कोमल व मेघ के सामान श्यामल शरीर, नए खिले हुए कमल के पुष्प के समान बड़े-बड़े नेत्र; हाथ, मुख व चरण भी लाल कमल के समान सुंदर, कोमल व मनमोहक हैं।

तुलसीदास जी कहते हैं कि जो सर्वव्यापक हैं, मायारहित हैं, विनोदरहित हैं, निर्गुण और अजन्में ब्रह्म हैं, वही प्रेम – भक्तिवश कौशल्या की गोद में खेल रहे हैं। आगे प्रभु की सौंदर्यता का वर्णन करते हुए तुलसीदासजी कहते हैं –

काम कोटि छबि स्याम सरीरा। नील कंज बारिद गंभीरा॥
नअरुन चरन पंकज नख जोती। कमल दलन्हि बैठे जनु मोती॥

अर्थात उनके नीलकमल और गंभीर मेघ के समान श्यामल शरीर में करोड़ों कामदेवों की शोभा है। लाल-लाल चरण कमलों के नखों की ज्योति ऐसी प्रतीत होती है मानो लाल कमल के पत्तों पर मोती सुशोभित हो रही हो।

रेख कुलिस ध्वज अंकुस सोहे। नूपुर धुनि सुनि मुनि मन मोहे॥
कटि किंकिनी उदर त्रय रेखा। नाभि गभीर जान जेहिं देखा॥

अर्थात चरणों की तल में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिह्न शोभित हो रहे हैं। नूपुर की ध्वनि सुनकर मुनियों का भी मन मोहित हो रहा है। कमर में करधनी और पेट पर तीन रेखाएँ हैं। नाभि की गंभीरता को तो वही जान सकता, जिसने उसे देखा है।

भुज बिसाल भूषन जुत भूरी। हियँ हरि नख अति सोभा रूरी॥
उर मनिहार पदिक की सोभा। बिप्र चरन देखत मन लोभा॥

अर्थात आभूषणों से सुशोभित विशाल भुजाएँ हैं। हृदय पर बाघ के नख की बहुत निराली सी छटा है। छाती पर रत्नों से युक्त मणियों का हार सुशोभित है और भृगु के चरण चिह्न को देखते ही मन मोहित हो जाता है।

कंबु कंठ अति चिबुक सुहाई। आनन अमित मदन छबि छाई॥
दुइ दुइ दसन अधर अरुनारे। नासा तिलक को बरनै पारे॥

अर्थात उनका कंठ शंख के समान है और ठोड़ी भी बहुत सुंदर है। मुख पर असंख्य कामदेवों की छटा छाई हुई है। दो-दो सुंदर दँतुलियाँ हैं, लाल-लाल होंठ हैं। नासिका और तिलक के सौंदर्य का तो वर्णन ही कौन कर सकता है ।

सुंदर श्रवन सुचारु कपोला। अति प्रिय मधुर तोतरे बोला॥
चिक्कन कच कुंचित गभुआरे। बहु प्रकार रचि मातु सँवारे॥

अर्थात कान और गाल बहुत ही सुंदर हैं। मधुर तोतले शब्द बहुत ही प्यारे लगते हैं। जन्म के समय से ही चिकने और घुँघराले बाल हैं, जिनको माता ने बहुत प्रकार से बनाकर और भी सँवार दिया है।

पीत झगुलिआ तनु पहिराई। जानु पानि बिचरनि मोहि भाई॥
रूप सकहिं नहिं कहि श्रुति सेषा। सो जानइ सपनेहुँ जेहिं देखा॥

अर्थात शरीर पर पीली झँगुली पहने हुए हैं। उनका घुटनों और हाथों के बल चलना मुझे बहुत ही प्रिय लगता है। उनके रूप का वर्णन वेद और शेषजी भी नहीं कर सकते। उसे तो वही जान सकता है, जिसने कभी उन्हें स्वप्न में भी देखा हो।

दोहा :

सुख संदोह मोह पर ग्यान गिरा गोतीत।
दंपति परम प्रेम बस कर सिसुचरित पुनीत॥

अर्थात जो सुख के पुंज, मोह से परे तथा ज्ञान, वाणी और इन्द्रियों से अतीत हैं, वे भगवान दशरथ – कौशल्या के अत्यंत प्रेम के वश होकर पवित्र बाललीला करते हैं।

AI-generated pics of Lord Ram 2023 : ऐसे ही श्रीरामचरितमानस तथा अन्य भाषाओँ के प्राचीन ग्रंथों में रामजी के वर्णित स्वरुप के आधार पर Artificial Intelligence की मदद से श्री रामजी की यह तस्वीर बनायीं गयी है जब वह मात्र 21 वर्ष के थे। अत्यंत अलौकिक, अद्वितीय तथा मन को मोहित कर देने वाली प्रभु श्रीराम की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग इसे बहुत पसंद भी कर रहे हैं।